सात फरवरी को साथ तेरा पाने को,दिल से तेरे दिल मिलाने को,आया हूँ लेकर गुलाब तेरे बालों में सजाने को,आ जा गले से लगाले अपने इस दीवाने को.
फूल बनकर हम महकना जानते हैं,मुस्कुरा के गम भूलना जानते हैं,लोग खुश होते हैं हमसेक्योंकि बिना मिले ही हम रिश्ते निभाना जानते हैं.
आशिक़ों के महबूब के पैरों की धूल हूं,हाँ मैं एक लाल गुलाब का फूल हूं.रोज रोज रोज डे आये,फिर तू मेरे लिए गुलाब लाये,इसी बहाने से सही,तू मुझसे मिलने तो आये.
एक रोज उनके लिए,जो मिलते नहीं रोज रोज,मगर याद आते हैं हर रोज.
चला जा रे मैसेज बन के गुलाब,होगी सच्ची दोस्ती तो आएगा जवाब,अगर ना आये तो मत होना उदास,बस समझ लेना की मेरे लिए,वक्त नहीं था उनके पास.
फूलों जैसी लबों पर हंसी हो,जीवन में आपको कोई न बेबसी हो,ले आये हम प्यारा सा गुलाब आपके लिएबस इस गुलाब जैसी प्यारी आपकी जिंदगी हो.
आपका मुस्कुराना हर रोज हो,कभी चेहरा कमल तो कभी रोज हो,सौ पल खुशी, हजार पल हो,बस ऐसा ही दिन आपका हर रोज हो.
पत्ती, पत्ती गुलाब बन जाती,हर कली मेरा ख्वाब बन जाती,अगर आप डाल देतीअपनी महकदा नजरें इन परतो सुबह की ओंस भी शराब बन जाती.