रबड (rubber) क्या है |रबड कैसे बनता है | Rubber kaise banta hai

रबड (rubber) क्या है |रबड कैसे बनता है | Rubber kaise banta hai ,रबड़ का इतिहास 

 

दोस्तों रबड (rubber) के बारे में आप सब लोग कुछ न कुछ जानते जरुर होंगे.

रबड एक ऐसा पदार्थ है जो हमारी दैनिक कार्यो में उपयोग होने वाली बहुत सी वस्तुओं में सम्मिलित हैं, फिर वो चाहे हमारी कार या मोटर साइकिल का टायर हो या फिर त्रिपाल हो. या फिर हमारे जूते, चप्पलें, या रबड बेंड हो. या फिर eraser. हम सब तरफ से रबर से सम्बंधित वस्तुयों से जुड़े हुए हैं.

ऐसे अनगिनत वस्तुए है जो रबड की होती है और हम उनका उपयोग हमारे दैनिक जीवन में करते है.

तो दोस्तों आप सब को ये जानने की इच्छा जरुर होती होगी कि ये रबड है क्या और ये कैसे बनता है ?

आज के इस blog में हम आप को बताएगें की आखिर रबड क्या है और ये कैसे बनता है ?

रबड (rubber) क्या है

 

रबड़ एक ऐसा पदार्थ है जो कि हमें पेड़ों से प्राप्त होता हैं.

रबड़ के वृक्ष की छाल को काटने से वहाँ से दूध (latex) निकलता है जिससे की रबड़ बनता है.

Latex एक तरल द्रव्य होता है जिसके सूखने पर प्राकृतिक रबड़ बनता हैं. इस latex को एकत्रित करने के लिए एक कंटेनर या बर्तन को वृक्ष से बाँधा जाता है जिसमे ये भरता है.

यह Latex पानी से हल्का होता है और इसमें रबड के अलावा रेज़िन, शर्करा, प्रोटीन, खनिज लवण और एन्जाइम्स भी पाए जाते हैं

रबड़ एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है जो कि अपनी लम्बाई से आठ (8) गुना तक खीच सकता है .

आज यह विश्व की महत्वपूर्ण व्यावसायिक फसलों में से है।

रबड़ का उदगम

वैसे तो हमारी पृथ्वी पर 500 से भी अधिक वृक्षों की प्रजातियां पायी जाती है .

लेकिन रबड़ के वृक्ष भूमध्य रेखीय वनों में बहुतायत पायें जातें है. रबड़ का उदगम स्थान “अमेरिका” को माना जाता है .

वैसे तो रबड़ हम लगभग सभी वृक्षों से प्राप्त कर सकते है लेकिन सबसे ज्यादा रबड़ जिस पेड़ से बनती है उसका नाम है हेविया ब्रेसिलिएंसिस”.

यह वृक्ष दक्षिण अमरीका की अमेजन घाटी में बहुतायत से पाया जाता है.

रबड़ सर्वप्रथम अमेजन बेसिन में जंगली रूप में उगता था, वहीं से इसे इंग्लैण्ड निवासियों द्वारा दक्षिणी-पूर्वी एशिया में ले जाया गया।

रबड़ का वृक्ष ५ वर्ष होने के बाद से उसमे से  latex या रबर निकलना आरम्भ होता है . और ये प्रक्रिया लगभग ४० वर्ष तक चलती है. ऐसा thumbrule है की १ एकड़ में लगभग १५० वृक्ष लगाये जा सकते है .

रबड़ का इतिहास

रबड़ का नाम रबड़ (rubber) क्यों पढ़ा इसके पीछे एक बहुत ही रोचक कहानी है .

हुआ यूँ की जब कोलंबस ने सन्‌ 1493 ई. में वहाँ के आदिवासियों के बच्चो को एक उछलती कूदती गेंद से खेलते देखा तो वह आश्चर्यचकित हो गया.

क्योकि यह गेंद वृक्षों के Latex को जमा के बनायीं गयी थी. बाद में कोलंबस भी इस latex को यूरोप ले गया था.

वहाँ जा कर जब वैज्ञानिको ने इसका परिक्षण किया तब उनमे से एक अंग्रेज वैज्ञानिक ने यह निष्कर्ष निकाला की इस पदार्थ से पेंसिल का लिखा हुआ हम मिटा (rubb) सकते हैं. तब से एक विशेष गुण के कारण इसका नाम rubb+er पड़ा.

ऐसा कहा जाता है कि दक्षिण पूर्व एशिया के आदिवासी भी रबर से परिचित थे और उससे टोकरियाँ, घड़े

और इसी प्रकार की व्यवहार की अन्य चीजें तैयार करते थे।

रबड़ निकालने की विधि

तो आइये दोस्तों अब हम जानते है कि रबड़ को वृक्ष से कैसे निकाला जाता है ? और इसकी विधि क्या है ?

  1. वृक्ष के तने को छेदकर, उसमें से निकलने वाले दूध याने की लैटेक्स को इकट्ठा किया जाता है।
  2. इस लैटेक्स का केमिकल्स की सहायता से परीक्षण किया जाता है ताकि बनने वाला रबर बढ़िया किस्म का हो।
  3. अब इस लैटेक्स का स्कंदन होने दिया जाता है जिससे लैटेक्स में मौजूद पानी सूख जाता है और रबर शेष रह जाता है।

रबड़ के गुण

  1. लैटेक्स पानी से हल्का होता है और इसमें रबर के अलावा रेज़िन, शर्करा, प्रोटीन, खनिज लवण और एन्जाइम्स पाए जाते हैं।
  2. इस शुद्ध रबर में ना कोई रंग होता है और ना ही कोई गंध होती है।
  3. रबर इतना लचीला होता है कि इसे खींचे जाने पर ये आठ गुना तक लम्बा खिंच जाता है और इसी गुण के कारण रबर से गुब्बारे, गेंदें और जूते जैसी चीज़ें बड़ी आसानी से बन जाती हैं।
  4. इसके अलावा बिजली का कुचालक होने के कारण इसका इस्तेमाल बिजली के उपकरणों में भी होता है।

रबड़ की उपयोगिता

दोस्तों रबर के बने सामानों की संख्या और उपयोगिता आज के समय में इतनी बढ़ गई है कि उसके बिना काम चलाना असंभव हो जाता है।

रबर का उपयोग शांति और युद्धकाल में, घरेलू और औद्योगिक कार्मों में समान रूप से होता है।

संसार के समस्त रबर के उत्पादन का प्राय: 78 प्रतिशत गाड़ियों के टायरों और ट्यूबों के बनाने में तथा शेष जूतों के तले और एड़ियाँ, बिजली के तार, खिलौने, बरसाती कपड़े, चादरें, खेल के सामान, बोतलों और बरफ के थैलों, सरजरी के सामान इत्यादि, हजारों चीजों के बनाने में लगता है।

अब तो रबर की सड़के भी बनने लगी हैं, जो पर्याप्त टिकाऊ सिद्ध हुई है। रबर का व्यवसाय आज दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।

रबड़ के प्रकार

दोस्तों रबड़ को हम मुख्य रूप से २ प्रकार की श्रेणी में विभाजित कर सकते है .

  1. नेचुरल रबड़ या इंडिया रबड़
  2. सिंथेटिक रबड़

सिंथेटिक रबड़ के भी विभिन्न प्रकार होते है

  • Nitrile butadiene Rubber (NBR):- इसे Nitrile रबड भी कहते है,यह एक प्रकार का आयल प्रतिरोधक सिंथेटिक रबड़ है ,यह acrylonitrile और butadiene के co-polymar से बनता है, इसका उपयोग  fuel hoses, gaskets इत्यादि में होता है जहाँ कि हमें oil resistance की जरुरत होती है
  • Ethylene Propylene Diene Monomer (EPDM):- यह ethylene, propylene और diene के comonomer की crosslinking से बनता है. यह मुख्य रूप से automotive और कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्रीज में उपयोग होने वाली seals में use होता है.
  • Neoprene rubber:- इसे Polychloroprene रबड भी कहते हैं. यह chloroprene के polymerization की विधि द्वारा बनता है.
  • Silicone Rubber :- सिलिकॉन एक रबड़ जैसा elastomer है. इसमें सिलिकॉन के साथ साथ कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन भी होते हैं. उद्योगों में सिलिकॉन का बहुत उपयोग होता है.सिलिकॉन -५५ डिग्री से लेकर ३०० डिग्री तापमान परकार्य कर सकता है. इतना तापमान सहन करने के बावजूद भी ये अपना गुण नहीं खोता. इसी विशेष गुण के कारण इसे आसानी से आकर देने वाली वस्तुयों में , हाई वोल्टेज इंसुलेटर, वाहनों में, खाना बनाने के बर्तनों में,बेकिंग और खाद्य पदार्थ भण्डारण के बर्तनों में, मेडिकल उपकरण में उपयोग किया जाता  है |
  • Styrene- Butadiene Rubber (SBR):-  Styrene- Butadiene Rubber एक सिंथेटिक रबर है.यह styrene और butadiene के मोनोमर से मिल के बनता है. यह मुख्य रूप से टायर और टायर बनाने वाले प्रोडक्ट्स में use होता है , automotive और मैकेनिकल इक्विपमेंट में भी इसका काफी उपयोग है |
  • Polyurethane :-  Polyurethane एक प्रकार का थर्मो प्लास्ट पॉलीमर है , यह दो कंपाउंड से मिल के बनता है . यह मुख्य रूप से इंसुलेशन पैनल , seals, gaskets ,स्प्रे फोम आदि में इसका उपयोग होता है |

 

तो दोस्तों आज के इस blog पोस्ट में हमने जाना की रबड़ क्या होता है और रबड़ कैसे बनता है |

आशा करती हूँ की आज के इस blog ने आप को रबड़ के बारे में वो जानकारी हासिल कर ली होगी, जिसे आप हमेशा से जानना चाहते थे.

तो दोस्तों अब में आप से विदा लेती हूँ |

कृपया इस पोस्ट को अपने social media पर ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि और भी लोग इस विषय के बारे में जानकारी पा सकें |

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