रिलायंस जिओ 6G | Reliance JIO 6G

रिलायंस जिओ 6G तकनीक लाने की तैयारी कर रही है |

नमस्कार दोस्तों आज हम बात कर रहे है रिलायंस कम्पनी के द्वारा की घोषणा 6G के बारे में |

हम सब के मन सवाल उठता है की अभी तो 5G को लेकर ही सवाल उठ रहे है ऐसे में 6G कैसे  आएगा कौन  लाएगा कब तक इसकी सुविधा मिलेगी |

भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक समूह रिलायंस जिओ ने आने वाले कुछ ही सालो में 6G सेवा को भारत में कार्यरत करने का कार्य घोषित किया है |

अगर अभी हम कायदे के अनुसार हम देखे तो अभी भारत में 5G को लेकर भी वाद विवाद चल रहा है ऐसे में 6G की घोषणा करना अपने आप में एक बहुत बड़ा कदम है |

रिलायंस जिओ 6G

6G इंटरनेट के दुनिया में लिया गया एक बहट बड़ा कदम है |जिस कारण से इन्टरनेट की स्पीड १०० प्रतिशत बढ़ जाने वाली है .

जैसा की मेने बताया की 6G को लेन का काम रिलायंस जिओ कंपनी कर रही है ,मगर इसमें इनके साथ University of Oulu के साथ साझेदारी की गयी है |

इस साझेदारी से एरियल और स्पेस कम्युनिकेशन, होलोग्राफिक बीमफोर्मिंग, 3D कनेक्टेड इंटेलिजेंस इन साइबर सिक्यूरिटी, माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स की इंडस्ट्री और अकेडमिक दोनों की उन्नति होगी और उसे विस्तार होने का मौका मिलेगा |

जिओ के वरिष्ट अध्यक्ष आयुष भटनागर जी ने बताया है कि University of Oulu के साथ 6G अनुसंधान जो की जिओ करवा रहा है वो जिओ के लैब में 5G की क्षमता को पूर्ण कर सकता है और आगे जाकर 6G टेक्नोलॉजी को जल्द से जल्द कारगर कर सकता है |

6G का उपयोग कैसे और कहाँ होगा ?

  • 6G तकनीकी का उपयोग Intelligence , साइबर सिक्यूरिटी , होलोग्राफी और माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स की फील्ड में होगा |
  • 6G तकनीक हेल्थकेयर सेक्टर में उपयोगी साबित होगा |
  • 6G के आने के बाद मेडिकल रिपोर्ट्स कुछ मिनट्स में ही मिल जाया करेंगी, जिसको मिलने में अभी कई घंटे /दिन लग जाते हैं | सही समय पर रिपोर्ट मिलने से रोगियों का उपचार जल्दी हो सकेगा |

6G की विशेषताएं:-

  • इस तकनीक से डिस्ट्रलाईजेशन से लेकर कॉल फ्री मेमोरी और Intelligence सरफेस जैसी विशिष्टता मिलेगी |
  • 6G तकनीक 5G से शत प्रतिशत ज्यादा होगी |
  • कुछ कंपनीज ने दावा किया हैं की 6G की स्पीड 1000GBPS तक जाएगी |
  • 6G नेटवर्क हमे एक दिन में इन्टरनेट डिवाइस पर १ टेरा बिट प्रति सेकंड की अधिकतम स्पीड दे सकता है |
  • 6G तकनीक के तहत इन्टरनेट की स्पीड २०GBPS हो जाएगी |
  • 6G के कारण इमेज प्रोसेसिंग, लाइव लोकेशन, आर्टिफीशियल intelligence तकनीक को बहुत फ़ायदा मिलेगा
  • 6G तकनीक से हम एक साथ कई डिवाइसेस को कनेक्ट कर पाएंगे, और हमे सभी डिवाइसेस पर एक ही स्पीड मिलेगी |
  • 6G तकनीक को केवल माइक्रोवेव फ्रीक्वेंसी ही सपोर्ट करेगी, अत: 6G डिवाइस के लिए हाईएंड डिवाइस की जरुरत पड़ेगी |
  • 6G तकनीक का नेटवर्क कवरेज ज्यादा रहेगा जिसके कारण अभी की तुलना में टावर्स की संख्या कम हो जाएगी, इस कारण ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रो में इन्टरनेट सरलतापूर्वक जा पाएगा |

6G के नुकसान :-

जिस प्रकार से 6G तकनीक की कई विशेषताएं हैं तो कई नुकसान भी हैं |

  • 6G तकनीक का प्रयोग करने के लिए हमे ज्यादा रूपए का भुगतान करना पड़ेगा |
  • 6G तकनीक के कारण निजी जानकारी के सार्वजनिक होने का खतरा बढ़ जाएगा |
  • अभी हम 4G तकनीक का उपयोग अपने लैपटॉप, डेस्कटॉप, मोबाइल ,टेबलेट पर बड़ी आसानी से कर पा रहें हैं लेकिन संभवतः 6G के प्रयोग के लिए हमे कुछ अन्य उपकरण भी लगाने होंगे |

6G का स्वास्थ्य पर प्रभाव:-

स्वास्थ्य को लेकर भी 6G तकनीक पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह दिख रहा है ,क्योकिं अभी हमारे देश भारत में 5G के इस्तेमाल पर कई संगठन विरोध प्रदर्शित कर रहे है तो 6G में स्वास्थ्य को लेकर खतरा और भी बढ़ जाता है |

6G नेटवर्क वायरलेस है जिस वजह से रेडिएशन का खतरा ज्यादा है |इसके टावर की फ्रीक्वेंसी में आने वाले लोगो पर इसका दुष्प्रभाव सबसे ज्यादा होगा |

6G का रेडिएशन बहुत ज्यादा होगा और इस वजह से कैंसर जेसी घातक बिमारियों का खतरा 4G और 5G से भी ज्यादा होगा |

अभी जब की 5G तकनीक भी नहीं हैं तो भी कैंसर ,ADHD-PTSD , चक्कर आना , धुंधला दिखना जैसी स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ गयीं हैं तो जब 6G आएगा तो वह अपने फायदे के साथ साथ कई नुकसान भी लाएगा |

दोस्तों आज के इस ब्लॉग में हमने रिलायंस जियो 6G के बारें में जाना |

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