माचिस कैसे बनती है | How To Make matchbox

माचिस कैसे बनती है,माचिस के प्रकार, माचिस का इतिहास,( How To Make matchbox, types of matchbox, history ऑफ़ matchbox

दोस्तों आज के इस blog पोस्ट मे हम जानेगें कि माचिस क्या होती है ? और ये माचिस कैसे बनती है |

आज के समय में हम सब लोग माचिस का उपयोग विभिन्न प्रकार के कामो के लिए करते है ,आज के समय में इलेक्ट्रिक लाइटर होते हुए भी माचिस की एक अपनी जगह है | चाहे फिर वो पूजाघर में अगरबती जलाने मे हो या, दियाबाति जलाने मे | रसोइघर मे gas जलाने के लिये हो या फिर कंडे जलाने के लिए,माचिस का उपयोग हर जगह काम आता है |

माचिस कैसे बनती है

दोस्तों माचिस और उसमे प्रयोग होने वाली तीली लकड़ी की बनी होती है |

माचिस की तीली बनाने के लिए सफ़ेद देवदार की लकड़ी का उपयोग किया जाता है |

इन लकडियों पर फास्फोरस युक्त पदार्थ का लेप किया जाता है | जिसे हम लाल फास्फोरस भी कहते हैं |

लाल फास्फोरस ही एक सबसे महत्वपूर्ण पदार्थ है जिसे माचिस बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है |

और जब ये लेप सूख जाता है तो उस लकड़ी को किसी ठोस सतह पर घिसा जाता है , और घर्षण की वजह से उस तीली में आग उत्पन्न हो जाती है |

माचिस के प्रकार

दोस्तों माचिस दो प्रकार की होती है

  1. घर्षण युक्त माचिस
  2. सेफ्टी माचिस

घर्षण युक्त माचिस:-

यह माचिस किसी भी ठोस सतह पर घर्षण करने से जलती है |

यह 8 सेंटीमीटर लम्बी और 0.3 सेंटीमीटर परिधि की होती है |

इसकी उपरी टिप दो रंग की बनी होती है एक लाल और एक सफ़ेद | एक चोथाई लकड़ी को पैराफिन वैक्स में डुबोया जाता है |

तीली के ऊपर का टिप फास्फोरस trisulphide के मिश्रण से बनता है | इसके अलावा जो पदार्थ इसमें उपयोग में आते हैं वो है antimony trisulfide, (ज्वलन सामग्री), पोटैशियम क्लोरट (जलने में सहायक), ग्लास पाउडर ( घर्षण उत्पन्न करने वाला पदार्थ), और गोंद ( चिपकाने के लिए प्रयुक्त होने वाला) |

लाल रंग का टीप घर्षण से नहीं जलता ,बल्कि जब सफ़ेद टिप आग पकड़ता है तब वह जलता है | इस प्रकार की माचिस मशीनो से बनायी जाती है , और इससे लाखों माचिस हर घंटे में तैयार होती है |

सेफ्टी माचिस:-

आज कल के समय में इसका उपयोग बहुतायत किया जाता है |

इस प्रकार के माचिस में एक विशेष प्रकार की सतह होती है जिस पर घर्षण करने से तीली ज्वलित होती है |

यह सतह माचिस के दोनों और होती है | इस प्रकार के माचिस की तीली में उपयोग होने वाले पदार्थ है -लाल फास्फोरस (ज्वलन सामग्री), पोटैशियम क्लोरट (जलने में सहायक), ग्लास पाउडर ( घर्षण उत्पन्न करने वाला पदार्थ), और गोंद ( चिपकाने के लिए प्रयुक्त होने वाला) |

जब माचिस का टीप खुरदुरी सतह पर घिसता है तो घर्षण से माचिस की टीप गरम हो जाती है और घर्षण से आग जलने लगती है |

इस प्रकार के माचिस की तीलियाँ किसी और सतह पर नहीं जल सकती |

माचिस का इतिहास

दोस्तों पहली माचिस वर्ष १८२७ में बनी थी ,इसका श्रेय “John Walker” को जाता है | पहली सेफ्टी माचिस १८४४ में स्वीडिश रसयानकर्ता गुस्तावे इ पश्च (Gustave E .Pasch) ने बनायीं थी |

सबसे पहले भारत में माचिस कलकत्ताा में जापानीज ट्रेडर्स द्वारा वर्ष १९१२ में बनायीं गयी थी |

सिवाकाशी , जो की तमिलनाडु में है वह दुनिया का सबसे बड़ा माचिस उत्पादक है |

इसे भी पढ़ें ->

1) टायर क्या है | टायर काले रंग के क्यों होते हैं

2) इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन क्या होता है | What is Electric Charging Station

3) रबड (rubber) क्या है |रबड कैसे बनता है | Rubber kaise banta hai

दोस्तों आज के इस ब्लॉग में हमने जाना कि माचिस क्या होती है और ये कैसे बनती है ?

आशा करते है कि आप को आज का हमारा ब्लॉग पोस्ट पसंद आया होगा , इस ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया पर शेयर करे ताकि अन्य लोग भी इस जानकारी का लाभ ले सके |

Leave a Comment