बसंत पंचमी | बसंत पंचमी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है |बसंत पंचमी 2022

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बसंत पंचमी

हर साल माघ मास की पंचमी वसंत पंचमी के रूप में मनाई जाती है

वर्ष २०२२ में यह ५ फ़रवरी को मनाई जाएगी |

इस दिन को माँ सरस्वती के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है |

इस दिन माँ सरस्वती की पूजा की जाती है |

माँ सरस्वती श्वेत वर्णी  है, इनकी पूजा के दिन धानी या पीले वस्त्र पहने जाता है |

वसंत के मौसम को फूलो का मौसम बोला जाता है हर तरफ खेतो में लहलाती फसले मन को मोह लेती है |

मिट्टी की भीनी खुशबु मन को भा जाती है |

ऐसा लगता है जेसे सारी सृष्टि भी अपना शृंगार कर रही हो |

खेतो में लहलहाता सरसों स्वर्ण के आभूषणों  से सृष्टि का साजो श्रृंगार कर रहा है |

गेहूं और जोऊ की बलिया भी खिल जाती है ना ही ज्यादा ठंडी होती है और नहीं गर्मी |

भोरे मंडराने लगते है फूलो पर और तितलिया आकाश में रंग भर देती है |

आम के पेड़ो पैर बोर खिल उठते है. पंछियों की मधु आवाज़ मन को खुश केर देती है |

 वसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है ?

ब्रह्मा जी ने सृष्टि की संरचना की मगर कही ना कहीं उन्हें अपने सृजन पर संतोष का अनुभव नहीं हो रहा था , और क्या कमी थी ये भी समझ नही  पा  रहे थे |

अतः वे अपनी व्यथा लेकर भगवन विष्णु के पास गए और उन्हें अपनी समस्या का समाधान माँगा |

तब वे बोले माता दुर्गा  ही आपकी समस्या का निवारण कर सकती है अत:सबने मिलकर माँ दुर्गा को बुलाया |

तब माँ ने अपने ताज से एक सुंदर स्त्री को उत्त्पन्न किया जो श्वेतवींवर्णी थी  वीणा धारण की हुई उनके चार हाथ थे जिसमे एक से वे वीणा बज रही थी  और एक में किताब  एक में मुद्रा और एक में माला  ली हुई थी |

जेसे ही इस देवी ने वीणा वादन किया जिससे संसार के सभी जीवो को वाणी मिली जल की कल कल ध्वनी उत्पन्न हुई |

देवताओ ने रस व शब्द  देने वाली इस देवी को सरस्वती नाम दिया |

माँ  दुर्गा ने कहा ब्रम्हा जी ये आपकी पत्नी बनेगी जो आपकी शक्ति होंगी ठीक वेसे ही जेसे माँ गोरी शिव जी और लक्ष्मी जी भगवन विष्णु की |

उसी प्रकार ये आपकी शक्ति बनेगी , जिन्हें वागेश्वरी , भगवती शारदा वीणा वादनी  भी बोला जायेगा |

ऋग्वेद में बोला गया है की ये माँ सरस्वती हमें बुद्धि , प्रज्ञा , मनोवृति प्रदान भी करती है और उसका रक्षण भी करती है|

भगवान् कृष्ण ने माँ सरस्वती को प्रसन्न होकर उनके जन्मा दिवस को वसंत पंचमी के रूप मनाया जाये एवं इस दिन उनकी पूजा अवश्य हो ऐसा वर दिया |

प्राचीनकाल से ही वसंत पंचमी को मनाया जाता है क्योंको इससे बुद्धि  , ज्ञान , कला आदि का ज्ञान बढता है |

ऐसा बोलते है की जैसे अस्त्र-शस्त्रों की पूजा विजय दशमी के दिन की जाती है , विद्वानों के लिए व्यास पूजा का अपना स्थान है उसी प्रकार कलाकारों के लिए वसंत पंचमी का एक महत्वपूर्ण स्थान है , वे अपनी चित्रकला , गायकी के नृत्य के वाद्य यन्त्र , उपकरणों की पूजा इस दिन करते है |

बसंत पंचमी पूजा विधि 

पूजन विधि के पूर्व तिल का उपटन लगाया जाता है. तिल के पानी से स्नान किया जाता है |

फिर भगवान् गणेश एवं  विष्णु जी  की विधि विधान से पूजा की जाती है, इस दिन कामदेव को भी पूजा जाता है |

बसंत पंचमी पूजा का प्रसाद

बेर और सांग्री मुख्य प्रसाद के रूप में चढाते है |

बसंत पंचमी में पीले रंग के कपडे ही नहीं बल्कि पीले रंग का प्रसाद भी चढ़ाया जाता है |

उत्तर भारत में केसरी हलवा , मालपुआ , मध्य प्रदेश व छातिस्गद में बूंदी का लड्डू चड़ाया जाता है |

मिठाइयो पीला रंग देने के लिए उनमे केसर डाला जाता है |

बंगाल ,असम. में लाबडा , खिचड़ी चटनी का भोग लगाया जाता है |

 

वसंत पंचमी का पौराणिक महत्व 

जब रावन सीता हर ले गया तब उनकी तलाश में राम-लक्ष्मण दंद्कर्न्य स्थान पर पहुचे वह शबरी नाम की उनकी भक्त उनका प्रतिदिन प्रतीक्षा कर रही थी. अत: अपनी भक्त दर्शन देने राम इसी दिन शबरी की कुटिया पहुचे थे .

वसंत पंचमी का एतिहासिक महत्व

  1. विदेशी हमलावर मोहमद गोरी ने पृथ्वी राज चौहान  पर १६ बार हमला किया , और हर बार वो उनसे परास्त हुआ मगर 17 वि बार में वे उससे हार गए. और वो उन्हें अफगानिस्तान ले गया और उनकी आँखे फोड़ दी |
  2. मोहमद गोरी उन्हें मारने वाला था मगर एक आखरी बार उनके युद्ध कौशल को देखना चाहता था | अतः पृथ्वीराज  चौहान ने अपने साथी चंदबरदाई की मदद से मोहमद गोरी को ही अपने बाण से मार गिराया | और उन दोनों ने एक दुसरे को खंजर मार बलिदान दिया. ऐसा माना  जाता है ये दिन (११९२ ई )  वसंत पंचमी का ही था
  3.  राजा भोज का जन्म भी इसी दिन हुआ और वे ४० दिनों तक उत्सव मनाते थे एवं अपनी प्रजा को प्रीती भोज कराते थे |
  4. अमर साहित्यकार सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला का जन्मा भी वसंत पंचमी के दिन ही हुआ |
  5.  निर्धनों को दान देते थे लोग उन्हें महा प्रण भी कहते थे |

 

दोस्तों आज के इस ब्लॉग में हमने वसंत पंचमी के बारें में जाना | इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया पर शेयर करें ताकि और भी लोग इसके बारे में जान सकें |

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