जोजिला टनल , Zojila tunnel, जोजिला सुरंग, जोजिला टनल विशेषता
दोस्तों आज के इस ब्लॉग में हम आपको वह सब बताएंगे जिससे आप जोजिला टनल के बारे में वह सब जान पाएंगे जिसे आप जानना चाहते होंगे |
दिन प्रतिदिन भारत सरकार अपने उच्चतम कार्यो से भारत की प्रगति के लिए काम कर रही है |
आज हम बात कर रहे है जोजिला टनल की जो की उत्तराखंड के भाग को विस्तृत और और विशाल सुरंग से सुव्यवस्थित करने जा रहा है |
जोजिला टनल (Zojila Tunnel )
जोजिला टनल १४.२ km लम्बी बनायीं जा रही है | जो की लद्दाख कारगिल जिले में सोनमर्ग व द्रास शहर के बीच में बनने में वाली है |
यह रास्ता ७ महीन भारी बर्फ बारी के कारण बंद रहता है, यह द्रास और कारगिल से जुड़ा हुआ है | इस मार्ग को पूर्ण रूप से ६-७ महीने के लिए बंद रखना पड़ता है ,मूलत: जोजिल पास को आवागमन करने में ३ घंटे लगते है |
इस जोजिला टनल बन जाने के बाद आवागमन की समस्या का समाधान हो जायेगा | यह सुरंग बनने के बाद भारतीय सेना और लद्दाख के निवासियों को बहुत फ़ायदा मिलेगा |
जोजिला टनल क्यों बनायी जा रही है
- जोजिला पास को पार करने में ३ घंटे का समय लगता है , लेकिन इस सुरंग के बनने के बाद इसे सिर्फ १५ मिनट में पार किया जा सकेगा |
- जोजिला पास आतकंवादीओं की अनुचित गतिविधियों के कारण सुरक्षित नहीं है , और इसको ऑपरेशन बाईसन के तहत भारतीय सेना ने अपने कब्जे में लिया |
- हर वर्ष भारी बर्फ़बारी के समय आम जनता और सेना को परेशानी काफी होती है , और उन्हें खाद्य सामग्री और सब्जी-भाजी को ६-७ महीने के लिए संग्रहित करके रखना पड़ता है , लेकिन इस सुरंग के बनने के बाद यह मुश्किल दूर हो जाएगी |
- यह सुरंग श्रीनगर ,द्रास,कारगिल और लेह के इलाकों को हर मौसम में जोड़ के रख पाएगी |
- श्रीनगर,कारगिल, लेह के रास्तें में जो हिमस्खलन का खतरा रहता है वो इस सुरंग के बनने के बाद काफी हद तक कम हो जाएगा |
- सियाचिन में भी जो जवान तैनात हैं उनके लिए भी वितरण आसन हो जाएगा ,जो कि बर्फ़बारी के कारण काफी मुश्किल होता है |
जोजिला टनल के बारें में
- जोजिला टनल परियोजना को जनवरी २०१८ में अनुमति मिली थी |
- इसके निर्माण की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई २०१८ में रखी थी | इस टनल को बनाने का काम १५ अक्टूबर २०२० को शुरू हुआ | और यह सुरंग संभवतः २०२३-२४ तक पूर्ण हो जाएगी |
- इस योजना को पहले पूरा करने का काम “IL&FS” कंपनी को दिया गया था , लेकिन यह कंपनी दिवालिया घोषित हो गयी |
- बाद में इसके निर्माण की बागडौर मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL)के हाथों में दी गयी |
- इस सुरंग को बनाने की लागत ६,८०,८६३ रूपए है , लेकिन मेगा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड इसे ४५०९.५ करोड़ में बना के दे रही है |
- इस टनल के अंतर्गत एक १८ km लम्बी एप्रोच रोड भी बनाने की प्रक्रिया चल रही है | यह z-मोड़ सुरंग से जोजिला सुरंग तक जाएगी |
- इस रोड पर ऐसे एवलांच प्रोटेक्शन स्ट्रक्चर बनने वाले हैं जिससे हर मौसम में किसी भी प्रकार की कनेक्टिविटी में कोई परेशानी नहीं आएगी |
जोजिला टनल की मुख्य विशेषता
- जोजिला सुरंग को बनाने में ऑस्ट्रियन tunning method तकनीक से काम हो रहा है |
- सुरंग के दोनों तरफ हर ७५० मीटर पर आपातकालीन lay bay होंगे |
- यूरोपियन मानक के अनुसार हर १२५ मीटर की दूरी पर आपातकालीन कॉल की सुविधा भी होगी |
- पूरी सुरंग में ऑटोमेटिक फायर डिटेक्शन सिस्टम लगेगा |
- इस सुरंग में मैन्युअल फायर अलार्म भी होगा |
- इस सुरंग से निकलने वाली हर गाड़ी के चालक के पास पोर्टेबल fire extinguisher होना जरुरी होगा |
- सुरंग की दीवारों पर CCTV लगाये जाएंगे | इसके अलावा सुरंग के एंट्री और एग्जिट पॉइंट पर भी CCTV होंगे |
Frequently Asked Question (FAQ)
प्रश्न-१ :- जोजिला टनल की लम्बाई कितनी है ?
उत्तर- १४.२ किलोमीटर
प्रश्न-२ :-जोजिला टनल का कार्य कब आरम्भ हुआ ?
उत्तर – १५ अक्टूबर २०२०
प्रश्न-३:- जोजिला दर्रा कहाँ पर है ?
उत्तर -लद्दाख क्षेत्र के हिमालय में स्थित है।
प्रश्न -४ :- जोजिला टनल कौन सी कंपनी बना रही है ?
उत्तर -मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड
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२) टायर क्या है | टायर काले रंग के क्यों होते हैं
दोस्तों आज के इस ब्लॉग में हमने जोजिला टनल के बारे में सब कुछ बताया ,इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि और भी लोग इसके बारें में जान सकें |
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